The Ultimate Guide To hindi story
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एक दिन की बात है रितेश को स्कूल के लिए देरी हो रही थी। वह घास नहीं ला सका, और स्कूल चला गया। जब स्कूल से आया तो खरगोश अपने घर में नहीं था। रितेश ने खूब ढूंढा परंतु कहीं नहीं मिला। सब लोगों से पूछा मगर खरगोश कहीं भी नहीं मिला।
(एक) काशी जी के दशाश्वमेध घाट पर स्नान करके एक मनुष्य बड़ी व्यग्रता के साथ गोदौलिया की तरफ़ आ रहा था। एक हाथ में मैली-सी तौलिया से लपेटी हुई भीगी धोती और दूसरे में सुरती की गोलियों की कई डिबियाँ और सुँघनी की एक पुड़िया थी। उस समय दिन के ग्यारह बजे बंग महिला
(एक) बड़े-बड़े शहरों के इक्के-गाड़ी वालों की ज़बान के कोड़ों से जिनकी पीठ छिल गई है, और कान पक गए हैं, उनसे हमारी प्रार्थना है कि अमृतसर के बंबूकार्ट वालों की बोली का मरहम लगावें। जब बड़े-बड़े शहरों की चौड़ी सड़कों पर घोड़े की पीठ चाबुक से धुनते हुए, इक्के वाले चंद्रधर शर्मा गुलेरी
आधुनिक बनने का प्रदर्शन करते शहरी मध्यवर्गीय परिवार के करियरिज़्म पर एक तीखी टिप्पणी की तरह है यह एक और अविस्मरणीय कहानी.
राहुल ने अपने पापा से बताया। उसके पापा कालिया की हरकत को जानते थे। वह पहले भी देख चुके थे।
The narrative weaves collectively the life of numerous people, reflecting the exclusive tapestry of Varanasi, through the ghats along the Ganges to your slender lanes pulsating with town’s history. Using a mixture of humour, satire, and social commentary, Kashi Ka Assi
बरसात का दिन था। एक बिच्छू नाले में तेजी से बेहता जा रहा था।संत ने बिच्छू को नाली में बहता देख।
As Ranganath navigates the complicated web of village politics, corruption, and social hierarchies, the novel exposes the hypocrisy and ethical decay widespread in the rural Indian Culture of enough time. The title “
कोई भी पाठक, जैसे ही इस कहानी को पढ़ना शुरू करता है वो इसकी विवरणात्मकता और व्यंजना के जादू से बंध कर रह जाता है.
अँधियारे गलियारे में चलते हुए लतिका ठिठक गई। दीवार का सहारा लेकर उसने लैंप की बत्ती बढ़ा दी। सीढ़ियों पर उसकी छाया एक बेडौल फटी-फटी आकृति खींचने लगी। सात नंबर कमरे से लड़कियों की बातचीत और हँसी-ठहाकों का स्वर अभी तक आ रहा था। लतिका ने दरवाज़ा खटखटाया। निर्मल वर्मा
can be a renowned Hindi poem prepared via the famous Indian poet Harivansh Rai Bachchan. It interprets to “Your house of Wine,” and also the poem is actually a metaphorical exploration of lifestyle’s journey throughout the allegory of a tavern. On here this literary masterpiece, Bachchan makes use of the metaphor of a tavern to symbolise the various phases and encounters of lifetime. The verses are full of symbolism, touching on themes of joy, sorrow, really like, as well as transient mother nature of existence.
जंगल में सुंदर-सुंदर हिरण रहा करते थे। उसमें एक सुरीली नाम की हिरनी थी। उसकी बेटी मृगनैनी अभी पांच महीने की थी। मृगनैनी अपनी मां के साथ जंगल में घूमा करती थी।
क्रोध और वेदना के कारण उसकी वाणी में गहरी तलख़ी आ गई थी और वह बात-बात में चिनचिना उठता था। यदि उस समय गोपी न आ जाता, तो संभव था कि वह किसी बच्चे को पीट कर अपने दिल का ग़ुबार निकालता। गोपी ने आ कर दूर से ही पुकारा—“साहब सलाम भाई रहमान। कहो क्या बना रहे विष्णु प्रभाकर
एक दिन की बात है, दोनों खेल में लड़ते-झगड़ते दौड़ रहे थे।